कोडरमा जिला , झारखंड – एक विस्तृत परिचय 2025

March 19, 2025
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कोडरमा जिला , झारखंड – एक विस्तृत परिचय

परिचय:
कोडरमा झारखंड राज्य का एक प्रमुख जिला है, जो अपनी ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। झारखंड के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित यह जिला खनिज संपदा, विशेषकर अभ्रक (माइका) के लिए दुनियाभर में मशहूर है। एक समय था जब कोडरमा को “माइका की राजधानी” कहा जाता था, क्योंकि यहाँ का माइका पूरी दुनिया में निर्यात होता था।

प्राकृतिक सुंदरता, पहाड़ी इलाकों, जंगलों और नदी-झीलों से भरपूर यह जिला धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। कोडरमा का सांस्कृतिक वैभव और जनजातीय परंपराएँ इसे एक अलग पहचान देती हैं।


भौगोलिक स्थिति और जलवायु:


कोडरमा जिला झारखंड के उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित है। इसकी सीमाएँ उत्तर में बिहार के नवादा और गया, दक्षिण में हजारीबाग, पश्चिम में चतरा तथा पूर्व में गिरिडीह जिले से मिलती हैं।

यह जिला छोटानागपुर के पठारी क्षेत्र में आता है। यहाँ की भौगोलिक संरचना में ऊँचे-नीचे पहाड़, घने जंगल और कई छोटी-बड़ी नदियाँ शामिल हैं। बराकर, सकरी और कोयल जैसी नदियाँ इस जिले से होकर गुजरती हैं।

जलवायु की दृष्टि से कोडरमा का मौसम गर्मियों में गर्म और सर्दियों में काफी ठंडा रहता है। वर्षा मुख्यतः मानसून के दौरान होती है।


इतिहास:


कोडरमा का इतिहास अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली है। यह क्षेत्र प्राचीन काल में मगध साम्राज्य का हिस्सा था।

  • मौर्य, गुप्त और पाल वंश के समय में इस क्षेत्र ने काफी उन्नति देखी।
  • ब्रिटिश शासन के दौरान यह हजारीबाग जिले का हिस्सा था।
  • कोडरमा में माइका खनन का कार्य ब्रिटिश काल में शुरू हुआ और धीरे-धीरे यहाँ का माइका अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रसिद्ध हो गया।
  • 10 अप्रैल 1994 को कोडरमा को हजारीबाग से अलग कर स्वतंत्र जिला बनाया गया।

प्राकृतिक संसाधन और खनिज:


कोडरमा जिला खनिज संसाधनों के मामले में बेहद समृद्ध है। यहाँ की मुख्य खनिज संपदा “अभ्रक (माइका)” है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है।

  • एक समय था जब कोडरमा से माइका का निर्यात अमेरिका, जापान और यूरोप तक होता था।
  • इसके अलावा यहाँ बॉक्साइट, क्वार्ट्ज, फेल्डस्पार आदि खनिज भी पाए जाते हैं।
  • जंगलों में साल, सखुआ, तेंदू, महुआ और बांस जैसे पेड़ प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।

पर्यटन स्थल:
कोडरमा जिला प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक स्थलों से भरपूर है। यहाँ कई ऐसे स्थल हैं, जहाँ पर्यटक और श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं:

  1. त्रिकूट पर्वत:
    यह धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ तीन पहाड़ियाँ एक साथ मिलती हैं, इसलिए इसे त्रिकूट कहा जाता है। यहाँ भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है।
  2. चीनिया झील:
    कोडरमा का यह जलाशय अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह कोडरमा शहर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है।
  3. सरिया झील:
    प्राकृतिक हरियाली और शुद्ध वातावरण वाला यह स्थान पिकनिक के लिए उपयुक्त है।
  4. माई स्थान:
    यह धार्मिक स्थल देवी मां के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।
  5. तेलईया डैम:
    यह झील और डैम बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल है, जिसका निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था। यहाँ से सूर्यास्त का दृश्य बेहद मनमोहक होता है।
  6. कोडरमा वन क्षेत्र और जंगल सफारी:
    जंगलों से घिरे इस क्षेत्र में वन्यजीवों और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:
कोडरमा धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहाँ कई मंदिर, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थल हैं। प्रमुख पर्व-त्योहारों में छठ पूजा, दुर्गा पूजा, रामनवमी, होली, दीपावली आदि पूरे उत्साह के साथ मनाए जाते हैं।

यहाँ की संस्कृति में झारखंडी परंपराओं के साथ-साथ बिहार और बंगाल की भी झलक देखने को मिलती है। लोकगीत, लोकनृत्य और आदिवासी रीति-रिवाज यहाँ की सांस्कृतिक पहचान हैं।


जनसंख्या और जनजातियाँ:


कोडरमा जिले की आबादी में मुख्यतः हिन्दू धर्मावलंबी हैं। इसके अलावा मुस्लिम, ईसाई और अन्य समुदाय के लोग भी रहते हैं।

यहाँ की प्रमुख जनजातियाँ – संथाल, मुंडा, उरांव, खड़िया आदि हैं। आदिवासी समुदाय आज भी अपनी परंपरागत संस्कृति, नृत्य, गीत और त्योहारों को सहेज कर रखा है।


शिक्षा व्यवस्था:
कोडरमा शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। यहाँ कई स्कूल, कॉलेज और तकनीकी संस्थान हैं:

  • जवाहर नवोदय विद्यालय, कोडरमा
  • कोडरमा कॉलेज, कोडरमा
  • बीएसएस महिला कॉलेज, झुमरी तिलैया
  • सरकारी पॉलिटेक्निक, कोडरमा
  • डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय केंद्र

कोडरमा में कंप्यूटर शिक्षा और तकनीकी शिक्षा की भी अच्छी व्यवस्था है।


आर्थिक स्थिति:
कोडरमा की अर्थव्यवस्था मुख्यतः खनिज, कृषि और व्यापार पर आधारित है:

खनिज उद्योग: माइका खनन यहाँ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। हालांकि अब इसमें गिरावट आई है।
कृषि: यहाँ धान, गेहूँ, मक्का, तिलहन, दलहन आदि फसलें होती हैं।
वन उत्पाद: महुआ, तेंदू पत्ता, lac आदि आदिवासी समुदाय की आमदनी का साधन है।
छोटे उद्योग: मौरंग, बालू, स्टोन चिप्स और क्रशर उद्योग फल-फूल रहे हैं।

हाल के वर्षों में यहाँ विद्युत उत्पादन, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी विकास हुआ है।


परिवहन और संचार:
कोडरमा परिवहन और संचार के मामले में झारखंड के अग्रणी जिलों में गिना जाता है:

रेल मार्ग: कोडरमा रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के ग्रैंड कॉर्ड लाइन पर स्थित है। यह दिल्ली-कोलकाता मार्ग का महत्वपूर्ण स्टेशन है।


सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग NH-31 और NH-2C यहाँ से गुजरते हैं। रांची, पटना, गया, हजारीबाग, गिरिडीह आदि प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा गया और रांची है।

इसके अलावा मोबाइल, इंटरनेट और अन्य संचार सुविधाएँ भी यहाँ उपलब्ध हैं।


स्वास्थ्य सेवाएँ:
कोडरमा में स्वास्थ्य सुविधाएँ लगातार बेहतर हो रही हैं:

  • सदर अस्पताल, कोडरमा
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC)
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC)
  • आयुष केंद्र और निजी क्लिनिक

सरकार द्वारा “आयुष्मान भारत योजना” और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के माध्यम से लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।


नक्सल समस्या और समाधान:
कोडरमा जिला कभी नक्सल प्रभावित इलाकों में शामिल था। कुछ सुदूरवर्ती क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियाँ होती थीं।

हालांकि, सरकार और सुरक्षा बलों के प्रयासों से अब स्थिति में काफी सुधार आया है। विकास योजनाओं, शिक्षा और रोजगार के अवसरों ने नक्सल समस्या को काफी हद तक कम किया है।


भविष्य की संभावनाएँ:
कोडरमा जिला प्राकृतिक संसाधनों, खनिज, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में अपार संभावनाओं वाला जिला है।

✅ माइका के अलावा अन्य खनिजों के दोहन से उद्योगों का विकास हो सकता है।
✅ पर्यटन स्थलों को विकसित कर रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकते हैं।
✅ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार प्रगति से जिले का चेहरा बदल रहा है।

सरकार की योजनाओं और लोगों के सहयोग से कोडरमा आने वाले समय में झारखंड का विकसित जिला बन सकता है।

कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन (Koderma Thermal Power Station – KTPS), झारखंड राज्य के हिरोदीह, चंदवारा, कोडरमा में स्थित एक प्रमुख ताप विद्युत उत्पादन केंद्र है। यह पावर स्टेशन राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC) के तहत आता है और कोडरमा जिले का सबसे बड़ा औद्योगिक प्रोजेक्ट माना जाता है।


📌 परिचय – कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन (KTPS)

कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन झारखंड के कोडरमा जिले के चंदवारा प्रखंड के हिरोदीह गांव में स्थित है। इस पावर स्टेशन की स्थापना झारखंड में बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से की गई थी। यह उत्तर भारत के प्रमुख ताप विद्युत संयंत्रों में से एक है।

  • परियोजना नाम: कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन (KTPS)
  • स्थान: हिरोदीह, चंदवारा, कोडरमा, झारखंड
  • परियोजना का स्वामित्व: NTPC (National Thermal Power Corporation)
  • कुल स्थापित क्षमता: 2×500 मेगावाट = 1000 मेगावाट
  • परियोजना लागत: लगभग 5358.55 करोड़ रुपये
  • ईंधन: कोयला आधारित (Coal-fired)

📌 उद्देश्य और महत्व

इस थर्मल पावर स्टेशन का मुख्य उद्देश्य झारखंड समेत देश के विभिन्न राज्यों को बिजली आपूर्ति करना है। यह न केवल कोडरमा जिला बल्कि पूरे झारखंड के औद्योगिक विकास में सहायक है।

✅ झारखंड और बिहार जैसे राज्यों में बिजली आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान।
✅ उद्योगों, रेलवे और घरेलू उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति।
✅ रोजगार के अवसर बढ़ाना और स्थानीय विकास को बढ़ावा देना।


📌 तकनीकी विवरण

घटकजानकारी
कुल यूनिट्स2 यूनिट (प्रत्येक 500 मेगावाट)
कुल क्षमता1000 मेगावाट
मुख्य ईंधनकोयला
कोयला आपूर्ति स्रोतझारखंड और आस-पास के कोयला क्षेत्र
जल स्रोतTilaiya Dam (बराकर नदी)
कमीशनिंग वर्षयूनिट-1 (2012), यूनिट-2 (2013)
मुख्य उपकरण निर्माताBHEL (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड)

📌 पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव

थर्मल पावर स्टेशन के चलते आसपास के इलाकों में कई सामाजिक और पर्यावरणीय परिवर्तन देखने को मिले हैं:

सकारात्मक प्रभाव:

  • स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर
  • आस-पास के गांवों में सड़क, स्कूल, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास
  • बिजली की उपलब्धता बढ़ी, जिससे उद्योगों और कृषि कार्यों में सहूलियत

⚠️ नकारात्मक प्रभाव (चुनौतियाँ):

  • वायु प्रदूषण और राख उत्सर्जन की समस्या
  • जल स्रोतों पर दबाव
  • आसपास के पर्यावरण पर प्रभाव

NTPC समय-समय पर पर्यावरण संतुलन के लिए कई कदम उठाता है, जैसे:

  • एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ETP)
  • ऐश पोंड का निर्माण
  • हरियाली बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण

📌 रोजगार और स्थानीय विकास

कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन ने कोडरमा जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है:

  • सैकड़ों स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला
  • छोटे-मोटे व्यापार, होटल, लॉज, परिवहन आदि में बढ़ोतरी
  • सरकारी योजनाओं और CSR गतिविधियों के तहत गांवों में विकास कार्य

📌 भविष्य की योजनाएँ और विस्तार संभावनाएँ

NTPC लगातार इस पावर स्टेशन के आधुनिकीकरण और विस्तार की योजनाएँ बना रही है, जिससे:

  • उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके
  • नई तकनीकों का इस्तेमाल कर प्रदूषण कम किया जा सके
  • सोलर और अन्य ग्रीन एनर्जी के विकल्प भी जोड़े जाएँ

📌 निष्कर्ष

कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन, हिरोदीह, चंदवारा कोडरमा जिले का गौरव है। यह न केवल कोडरमा बल्कि पूरे झारखंड और पूर्वी भारत के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है। बिजली उत्पादन में इसकी महत्वपूर्ण भागीदारी है और आने वाले समय में यह क्षेत्र और अधिक औद्योगिक और आर्थिक विकास की ओर अग्रसर होगा।


अगर आप कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन से जुड़ी और विस्तृत जानकारी या विशेष रिपोर्ट चाहते हैं, तो बताइए।


निष्कर्ष:
कोडरमा जिला अपने प्राकृतिक सौंदर्य, खनिज संपदा, सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहाँ की मिट्टी में अपार संभावनाएँ हैं।

अगर सरकार और समाज मिलकर प्रयास करें, तो कोडरमा झारखंड ही नहीं, देश के प्रमुख जिलों में शामिल हो सकता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और उद्योग के क्षेत्र में यह जिला लगातार प्रगति कर रहा है और भविष्य में इसकी चमक और बढ़ेगी।


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