लातेहार जिला, झारखंड (Latehar, Jharkhand)परिचय:
लातेहार जिला झारखंड राज्य का एक खूबसूरत और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर जिला है। यह जिला झारखंड के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है और अपनी घने जंगलों, जलप्रपातों और खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है। लातेहार जिले का गठन 4 अप्रैल 2001 को हुआ था, जब इसे पलामू जिले से अलग कर नया जिला बनाया गया।लातेहार जिला 4 अप्रैल 2001 को बनाया गया था। पहले, यह झारखंड राज्य के पुराने पलामू जिले का एक उपखंड था। यह पलामू डिवीजन का हिस्सा है।
भौगोलिक स्थिति:
- राज्य: झारखंड
- प्रमंडल: पलामू
- मुख्यालय: लातेहार
- क्षेत्रफल: लगभग 3650 वर्ग किलोमीटर
- सीमाएं: पलामू, लोहरदगा, गुमला, रांची, चतरा, गढ़वा जिलों से घिरा हुआ है।

जनसंख्या (2011 जनगणना):
- कुल जनसंख्या: लगभग 7 लाख
- साक्षरता दर: लगभग 59%
- प्रमुख भाषाएँ: हिंदी, नागपुरी, उरांव, कुड़ुख, संथाली
प्रमुख स्थल और पर्यटन:
- नेतरहाट (Netarhat): झारखंड का ‘क्वीन ऑफ छोटानागपुर’, यह हिल स्टेशन अपने सुंदर सूर्योदय और सूर्यास्त के लिए प्रसिद्ध है।
- लोथार घाटी: खूबसूरत घाटी और हरियाली का नजारा।
- बेतला राष्ट्रीय उद्यान (Betla National Park): लातेहार के पास स्थित यह पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
- कोयल नदी: जिले की प्रमुख नदी जो इस क्षेत्र की सुंदरता बढ़ाती है।
- सरयू जलप्रपात और अन्य छोटे-बड़े जलप्रपात
आर्थिक स्थिति और खनिज संपदा: लातेहार जिला खनिज संपदा से समृद्ध है। यहाँ कोयला, बॉक्साइट और अन्य खनिजों की खदानें पाई जाती हैं। यहाँ की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि, वनों पर आधारित उत्पाद और खनिज उत्खनन है।
शिक्षा:
- लातेहार में कई सरकारी और निजी विद्यालय और कॉलेज हैं।
- धीरे-धीरे शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है।
संस्कृति और जनजातियाँ:
- यहाँ उरांव, मुंडा, संथाल, हो, बिरहोर आदि जनजातियाँ निवास करती हैं।
- पारंपरिक लोक नृत्य, संगीत और त्योहार यहाँ की खास पहचान हैं।
- करमा, सरहुल, मांदर नृत्य प्रसिद्ध हैं।
मुख्य चुनौतियाँ:
- नक्सलवाद की समस्या
- विकास और आधारभूत संरचना की कमी
- स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
विशेषताएँ:
- प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर
- वन और वन्य जीवों की विविधता
- आदिवासी संस्कृति और परंपराएं
लातेहार में कितने गांव हैं?
लातेहार जिला पंचायत झारखंड राज्य का एक ग्रामीण स्थानीय निकाय है। लातेहार जिला पंचायत क्षेत्राधिकार के अंतर्गत कुल 10 पंचायत समितियां, 115 ग्राम पंचायतें और 773 गांव हैं।
लातेहार जिले में कितने ब्लॉक हैं?
लातेहार जिले का मुख्यालय लातेहार शहर है, जिला में 2 अनुमण्डल, 9 प्रखण्ड हैं।
लातेहार जिले में कितने थाने हैं?
लातेहार शहर जिले का मुख्यालय है, जो इस जिले का नाम भी है । जिला में 774 गांवों, 115 ग्राम पंचायत, 2 अनुमंडल, 9 प्रखंड, 9 अंचल, 1 नगर पंचायत और 12 थाना शामिल हैं।
लातेहार जिले में बेतला राष्ट्रीय उद्यान (Betla National Park) और पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve)
लातेहार जिले में बेतला राष्ट्रीय उद्यान (Betla National Park) और पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) जैसे प्रमुख पार्क और वन्यजीव अभयारण्य हैं, जो प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध हैं.
यहां लातेहार जिले में स्थित कुछ प्रमुख पार्क और वन्यजीव अभयारण्य दिए गए हैं:
- बेतला राष्ट्रीय उद्यान (Betla National Park):यह झारखंड के लातेहार और पलामू जिलों में स्थित है और पलामू टाइगर रिजर्व का एक हिस्सा है.
- पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve):यह बाघों के संरक्षण के लिए जाना जाता है और बेतला राष्ट्रीय उद्यान के आसपास स्थित है.
- नेतरहाट (Netarhat):यह झारखंड का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुहाने मौसम के लिए जाना जाता है.
- ललमटिया डैम (Lalmatia Dam):यह लातेहार जिले में स्थित एक और दर्शनीय स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है.
- लोध जलप्रपात (Lodh Falls):यह लातेहार में स्थित एक खूबसूरत झरना है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है.
- अन्य:इसके अलावा, लातेहार में नवागढ़ किला, डाट पातं जलप्रपात, मिर्चिया फॉल, नैना जलप्रपात, झरिया जंगल, तुबद गुफा और नगर मंदिर जैसे अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं.
- इको-फ्रेंडली पार्क:वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) ने लातेहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उदयपुरा जंगल में इको-फ्रेंडली पार्क निर्माण की योजना बनाई है.
बेतला पार्क कहाँ स्थित है?
बेतला राष्ट्रीय उद्यान भारत के झारखंड राज्य के लातेहार जिले के छोटा नागपुर पठार में स्थित एक राष्ट्रीय पार्क है। पार्क में वन्य जीवन की एक विस्तृत विविधता है। “बेतला” निम्न शब्दों का संक्षिप्त नाम है: बाइसन, हाथी, शेर, तेंदुआ, धुरी-अक्ष (चित्तल)।
बेतला राष्ट्रीय उद्यान में किस जानवर को सुरक्षित किया जाता है?
झारखण्ड के पलामू में स्थित बेतला राष्ट्रीय उद्यान अनेक वनस्पतियों और जीवों से परिपूर्ण है. यह राजधानी रांची से करीब 175 किलोमीटर दूर है. विश्व में बाघों की घटती संख्या के कारण इस राष्ट्रीय उद्यान में बाघों का संरक्षण किया जाता है.
लातेहार जिला, झारखंड में कई सुंदर और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं, जिनमें नेतरहाट, बेतला राष्ट्रीय उद्यान, लोध फॉल, सुग्गा बांध और तातापानी शामिल हैं.
यहां लातेहार जिले के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों का विवरण दिया गया है:
- नेतरहाट:इसे “छोटा नागपुर की रानी” के नाम से भी जाना जाता है, यह एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है.
- बेतला राष्ट्रीय उद्यान:यह वन्यजीवों की विविधता के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें बाइसन, हाथी, शेर, तेंदुआ और धुरी-अक्ष (चित्तल) शामिल हैं.
- लोध फॉल:यह एक सुंदर झरना है जो महुआडांड़ में स्थित है.
- सुग्गा बांध:यह एक खूबसूरत बांध है जो गारू पथ पर स्थित है, जहाँ बूढ़ा नदी चट्टानों के बीच से गिरती है.
- तातापानी:यह लातेहार से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और गर्म झरनों के लिए प्रसिद्ध है.
- इंद्रा झरना:यह लातेहार के तुबेद गांव के पास स्थित है.
- कांती झरना:यह लातेहार में एक और प्रसिद्ध झरना है.
- नारायणपुर किला:यह किला लातेहार जिला मुख्यालय से 11 किमी दूर नवागढ़ गांव के पास स्थित है.
- ललमटिया डैम:यह लातेहार में एक और खूबसूरत जगह है.
- मंडल डैम:यह उत्तर कोयल जल विद्युत परियोजना का हिस्सा है, जो लातेहार जिले के मंडल गांव में स्थित है.
- पलामू किला:यह किला भी लातेहार जिले में ही स्थित है.
- पलामू टाइगर रिजर्व:यह बेतला राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित है.
- डाटम-पातम जलप्रपात:यह हेरहंज प्रखंड में स्थित है.
- मिर्चिया फॉल:यह गारू में स्थित है.
- दोमुहान संगम:यह मनिका में स्थित है.
- झरिया जंगल:यह लातेहार जिले में स्थित है.
- तुबेद गुफा:यह लातेहार जिले में स्थित है.
- नगर मंदिर:यह लातेहार जिले में स्थित है.
निष्कर्ष:
लातेहार जिला झारखंड का एक महत्वपूर्ण जिला है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, खनिज संपदा और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यहाँ पर्यटन, खनिज और कृषि के क्षेत्र में काफी संभावनाएँ हैं।
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