दुमका जिला, झारखंड, भारत– एक विस्तृत परिचय (हिंदी में) 2025
🌄 दुमका, झारखंड, भारत – झारखंड की उपराजधानी
📍 परिचय:
दुमका झारखंड राज्य का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला है, जिसे झारखंड की उप-राजधानी (Sub-Capital) का दर्जा प्राप्त है। यह संथाल परगना प्रमंडल का मुख्यालय भी है। दुमका को “मिनी कश्मीर” भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ की हरियाली, पहाड़, और सुंदर झरने लोगों को आकर्षित करते हैं।
🗺️ भौगोलिक स्थिति:
- स्थान: झारखंड के उत्तर-पूर्व में स्थित
- निर्देशांक: 24.28° N, 87.25° E
- मुख्य नदी: मायूराक्षी नदी, अजाय नदी
- पर्यावरण: हरे-भरे जंगल, छोटे-छोटे पहाड़ी क्षेत्र और जलप्रपात
दुमका जिला कब बना
-
- दुमका ज़िला, झारखंड का एक प्रशासनिक ज़िला है.
- दुमका ज़िले का मुख्यालय दुमका में है.
- दुमका उपमंडल का गठन साल 1855 में संथाल परगना ज़िले के एक हिस्से के तौर पर किया गया था.
- साल 1983 में देवघर, साहिबगंज, और गोड्डा उपमंडलों को एक ज़िले का दर्जा दिया गया था.
- दुमका ज़िला, झारखंड का एक प्रशासनिक ज़िला है.
- नए झारखंड राज्य के गठन के बाद, दुमका ज़िले को बांटा गया और जामताड़ा उप-मंडल को अलग ज़िले के तौर पर बनाया गया.
- दुमका ज़िले में बाबा बासुकीनाथ धाम है. यह देवघर-दुमका राज्य राजमार्ग पर स्थित है और दुमका के उत्तर-पश्चिम में लगभग 25 किलोमीटर दूर है.
दुमका क्यों प्रसिद्ध है?
दुमका अपने समृद्ध और विविध मंदिरों और तीर्थस्थलों के लिए एक उल्लेखनीय स्थान है। यह समृद्ध परंपरा, विरासत और ऐतिहासिक महत्व का स्थान है।
👥 जनसंख्या व भाषा:
- जनसंख्या: लगभग 13 लाख (2021 अनुमान)
- आदिवासी जनसंख्या: संथाल जनजाति प्रमुख
- मुख्य भाषाएँ: हिंदी, संथाली, बंगाली, उर्दू, अंगिका
दुमका में कुल कितने गांव हैं?
दुमका जिला पंचायत में कुल 2928 गांव हैं।
दुमका अनुमंडल में 10 सामुदायिक विकास खंड , 2,925 कुल गांव, 2,688 आबाद गांव, 2 वैधानिक कस्बे और 3 जनगणना शहर हैं।
क्षेत्रफल के अनुसार राज्य का स्थान 15वां तथा जनसंख्या के अनुसार 14वां है । राज्य को भारत का 28वां राज्य माना गया है और राज्य का धनबाद जिला भारत की कोयला राजधानी है।
दुमका का अनुमंडल कहाँ है?
- दुमका ज़िला, झारखंड के चौबीस ज़िलों में से एक है.
- दुमका ज़िले का क्षेत्रफल 3,761 वर्ग किलोमीटर है.
- दुमका ज़िले में हिन्दी और संथाली भाषा बोली जाती है.
- दुमका ज़िले में 2,925 गांव हैं.
- दुमका शहर को 23 वार्डों में बांटा गया है.
- दुमका नगर परिषद की आबादी 47,584 थी.
- दुमका नगर परिषद में पुरुषों की संख्या 25,364 और महिलाओं की संख्या 22,220 थी.
- दुमका नगर परिषद में 0-6 साल के बच्चों की संख्या 5,371 थी.
- दुमका नगर परिषद में महिला लिंग अनुपात 876 था.
- दुमका नगर परिषद में बाल लिंग अनुपात 891 था.
- दुमका शहर की साक्षरता दर 89.92% थी.
📜 इतिहास:
दुमका का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। यह क्षेत्र संथाल विद्रोह (1855-56) का प्रमुख केंद्र था, जिसमें संथाल जनजातियों ने अंग्रेजों के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी थी। यह विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय बना।
🌾 आर्थिक गतिविधियाँ:
- कृषि: धान, मक्का, तिलहन, दालें
- खनिज संपदा: पत्थर, बालू, लोहा
- हस्तशिल्प: संथाली शिल्पकला और हस्तनिर्मित वस्तुएँ
- वन उत्पाद: lac, महुआ, तendu पत्ते
🏞️ प्रमुख पर्यटन स्थल:
- मसना जोड़ा हिल्स: सुंदर पहाड़ियों का दृश्य
- मयूराक्षी नदी: प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व
- जामबानी जंगल: वन्य जीवों और प्रकृति प्रेमियों के लिए
- डीमडीह जलप्रपात: एक खूबसूरत झरना
- पालोजोरी हॉट स्प्रिंग: प्राकृतिक गर्म जलस्रोत
- बाबा बेसकीनाथ धाम: प्रसिद्ध शिव मंदिर, झारखंड का ‘बाबा धाम’
🎓 शिक्षा और संस्थान:
- एसपी कॉलेज, दुमका
- सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय (SKMU)
- आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थान
🚆 परिवहन व्यवस्था:
- रेलवे: दुमका रेलवे स्टेशन (जसीडीह-दुमका रेलवे लाइन)
- सड़क मार्ग: राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से जुड़ा
- नजदीकी हवाई अड्डा: देवघर एयरपोर्ट और रांची एयरपोर्ट
🎉 संस्कृति और परंपरा:
- संथाली लोक नृत्य और गीत यहाँ की विशेष पहचान हैं।
- सरहुल, करम, सोहराय और माघी पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं।
- यहाँ की लोक कलाएँ और हस्तशिल्प अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहचान बना रही हैं।
🏛️ प्रशासनिक महत्व:
- दुमका झारखंड की उपराजधानी है।
- संथाल परगना प्रमंडल का मुख्यालय
- जिला में कुल 10 प्रखंड और 6 विधानसभा क्षेत्र हैं।
बिलकुल! नीचे बाबा बेसकीनाथ धाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:
🛕 बाबा बेसकीनाथ धाम – झारखंड का प्रसिद्ध शिव मंदिर
📍 परिचय:
बाबा बेसकीनाथ धाम झारखंड राज्य के दुमका जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यह झारखंड का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और इसे ‘छोटा बाबा धाम’ या ‘झारखंड का बाबा धाम’ भी कहा जाता है। यह मंदिर सावन महीने में लाखों शिव भक्तों की आस्था का केंद्र बन जाता है, जहाँ श्रद्धालु गंगाजल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
🌿 धार्मिक महत्व:
- बाबा बेसकीनाथ धाम भगवान शिव को समर्पित है और यह शिवलिंग रूप में स्थापित है।
- यह स्थान ‘बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर’ का एक अंग स्थल माना जाता है।
- यहाँ के बारे में मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से बाबा को जल अर्पित करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- सावन और महाशिवरात्रि के मौके पर यहाँ लाखों की संख्या में कांवरिये पहुँचते हैं।
📜 इतिहास और मान्यता:
- ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर कई सौ साल पुराना है।
- स्थानीय मान्यता के अनुसार, यहाँ का शिवलिंग स्वयंभू है यानी यह प्राकृतिक रूप से प्रकट हुआ था।
- संथाल परगना क्षेत्र के आदिवासी और स्थानीय लोग इस मंदिर से विशेष आस्था रखते हैं।
- यहाँ हर साल “बासुकीनाथ मेला” का आयोजन भी होता है, जो काफी प्रसिद्ध है।
🚩 मुख्य आकर्षण:
- शिवलिंग: मुख्य गर्भगृह में भगवान शिव का विशाल शिवलिंग।
- बगलामुखी मंदिर: परिसर में देवी बगलामुखी का मंदिर भी है।
- अन्य देवी-देवताओं के मंदिर: परिसर में गणेश जी, हनुमान जी और पार्वती माता के भी मंदिर हैं।
- धार्मिक मेले: सावन माह में और महाशिवरात्रि पर विशाल मेला लगता है।
- कांवर यात्रा: जसीडीह से बेसकीनाथ तक कांवर यात्रा बहुत प्रसिद्ध है।
🗺️ कैसे पहुँचे बाबा बेसकीनाथ धाम:
- रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन बासुकीनाथ स्टेशन है, जो जसीडीह-दुमका रेलवे लाइन पर स्थित है।
- सड़क मार्ग: दुमका और देवघर से सीधी बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध है।
- हवाई मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा देवघर एयरपोर्ट और दुमका हवाई पट्टी है।
🎉 त्योहार और मेले:
- सावन मेला: जुलाई-अगस्त के सावन महीने में लाखों श्रद्धालु जल चढ़ाने आते हैं।
- महाशिवरात्रि: बहुत ही भव्य रूप से मनाया जाता है।
- संपूर्ण वर्ष: यहाँ पूरे साल देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु आते रहते हैं।
🌸 निष्कर्ष:
बाबा बेसकीनाथ धाम आस्था, श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। यह न केवल झारखंड बल्कि पूरे पूर्वी भारत में भगवान शिव के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और धार्मिक ऊर्जा हर भक्त को एक अलग ही अनुभूति कराती है।
अगर आप कभी झारखंड जाएँ, तो बाबा बेसकीनाथ धाम के दर्शन जरूर करें और भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करें।
हर हर महादेव!
🌱 भविष्य की संभावनाएँ:
दुमका पर्यटन, शिक्षा, कृषि और खनिज के क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है।
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