पलामू, जिला ,(पुराना नाम डाल्टनगंज) झारखंड – एक विस्तृत परिचय 2025 : पलामू झारखंड राज्य का एक प्रमुख जिला है, जो अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यह झारखंड के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है और इसकी सीमाएं बिहार और उत्तर प्रदेश से लगती हैं। पलामू जिले का मुख्यालय मेदिनीनगर (पुराना नाम डाल्टनगंज) है। यह जिला जंगल, पहाड़, नदियों और ऐतिहासिक किलों से भरपूर है, जो इसे एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी बनाते हैं।

पलामू का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। यह क्षेत्र पहले छोटानागपुर के नागवंशी शासकों के अधीन था। बाद में यह चेरो राजाओं के शासन में आया। पलामू का प्रसिद्ध किला चेरो राजाओं द्वारा बनवाया गया था, जो आज भी इतिहास के झरोखे से उस काल की गौरवगाथा सुनाता है। पलामू किला दो भागों में बंटा हुआ है – पुराना किला और नया किला। यह किला घने जंगलों के बीच स्थित है, जहां से आस-पास का दृश्य बहुत मनमोहक दिखाई देता है।
पलामू जिला कब बना
पलामू ज़िला 1 जनवरी, 1892 को अस्तित्व में आया था. यह झारखंड के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में स्थित है. पलामू ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय मेदिनीनगर है.
पलामू ज़िले से जुड़ी कुछ और जानकारी:
- पलामू ज़िले की सीमा बिहार, चतरा, गढ़वा, और लातेहार ज़िलों से लगती है.
- पलामू ज़िले में चित्रित हैंडिडाग किला, पाल की खोई गई राजधानी, और बेतलघाट जैसे पुरातात्विक स्मारक हैं.
- पलामू ज़िले में कोयल नदी बहती है.
- पलामू ज़िले में हुसैनाबाद ब्लॉक के कबरा-काला गांव में नवपाषाण और ताम्रपाषाणकालीन बस्ती के अवशेष हैं.
- पलामू ज़िले में मलय बांध, भीम चूल्हा, और कोयल रिवर फ़्रंट जैसे पर्यटन स्थल हैं.
- पलामू ज़िले में बिश्रामपुर किला है.

पलामू ज़िले से जुड़े कुछ और तथ्य:
- पलामू ज़िले को पहले डाल्टनगंज के नाम से जाना जाता था.
- डाल्टनगंज का नाम छोटानागपुर के आयुक्त कर्नल डाल्टन के नाम पर रखा गया था.
- डाल्टनगंज का नाम बदलकर मेदिनीनगर कर दिया गया, जो राजा मेदिनी राय के नाम पर है.
पलामू झारखंड रेलवे स्टेशन
पलामू, झारखंड का मुख्य रेलवे स्टेशन डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन (DTO) है, जो पलामू जिले के मेदिनीनगर और पलामू शहरों को सेवा प्रदान करता है और पूर्व मध्य रेलवे ज़ोन के पलामू डिवीजन का मुख्यालय भी है।

यहाँ कुछ और महत्वपूर्ण बातें हैं:
- स्थान:डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन, जिला मुख्यालय से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- सेवाएं:डाल्टनगंज स्टेशन से रांची, दिल्ली, कोलकाता, वाराणसी और पटना के लिए अक्सर ट्रेनें चलती हैं।
- अन्य स्टेशन:पलामू जिले में गढ़वा रोड जंक्शन (GHD) भी एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है, जो गढ़वा शहर से लगभग 10 किमी दूर है।
- नाम परिवर्तन:हाल ही में, डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर मेदिनीनगर रेलवे स्टेशन करने का प्रस्ताव था, जो शहर के नाम के अनुरूप है.
- अमृत भारत स्टेशन योजना:पलामू जिले के डालटनगंज, गढ़वा रोड, जपला और हैदरनगर स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन स्कीम के तहत विकसित किया जाएगा.
- रेलवे नेटवर्क:पलामू जिला सड़कों और रेलमार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.
- पलामू का महत्व:पलामू को पलामू टाइगर रिजर्व के लिए भी जाना जाता है.
- अन्य स्टेशन:पलामू प्रमंडल में डालटनगंज, गढ़वा रोड, गढ़वा, लातेहार और नगर उंटारी रेलवे स्टेशन शिलान्यास का कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.
पलामू किस राज्य में है
पलामू, भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक जिला है, जिसका प्रशासनिक मुख्यालय मेदिनीनगर (पहले डाल्टनगंज के नाम से जाना जाता था) है।
- राज्य: झारखंड
- जिला मुख्यालय: मेदिनीनगर (पहले डाल्टनगंज)
- स्थान: झारखंड के उत्तर-पश्चिमी भाग में
- सीमाएँ: उत्तर में बिहार राज्य, पूर्व में चतरा, पश्चिम में गढ़वा और दक्षिण में लातेहार
- स्थापना: 1 जनवरी 1928
- क्षेत्रफल: 5043.8 वर्ग किलोमीटर

पलामू जिला के प्रखंड
पलामू ज़िले में कुल 21 प्रखंड हैं. ये प्रखंड हैं:
बिश्रामपुर, छतरपुर, डाल्टनगंज, हैदरनगर, हरिहरगंज, पांडू, पड़वा.
पलामू ज़िले के बारे में ज़्यादा जानकारीः
- पलामू ज़िले को तीन अनुमंडलों में बांटा गया है. ये अनुमंडल हैं – सदर, मेदिनीनगर, और छतरपुर.
- पलामू प्रमंडल में तीन ज़िले आते हैं – गढ़वा, लातेहार, और पलामू.
- पलामू प्रमंडल, झारखंड के पांच प्रमंडलों में से एक है.
- मेदिनीनगर शहर, इस प्रमंडल का प्रशासनिक मुख्यालय है.
- मेदिनीनगर शहर को पहले डाल्टनगंज के नाम से जाना जाता था.
- पड़वा प्रखंड की पंचायतें – छेछौरी, मंझिगंवा, पतरा, मुरमा
- पांडू प्रखंड की पंचायतें – मुरमा कला, मुरमा खुर्द, तिसीबर कला, डाला कला
- डाल्टनगंज प्रखंड की पंचायतें – सुआ, कोडिया, सरजा, झाबर
पलामू का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पलामू टाइगर रिजर्व है, जिसे भारत सरकार द्वारा 1973 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत शामिल किया गया था। यह झारखंड का एकमात्र बाघ अभयारण्य है, जहां बाघों के अलावा तेंदुआ, हाथी, हिरण, नीलगाय, जंगली सूअर और कई तरह के पक्षी भी पाए जाते हैं। घने साल और बांस के जंगलों से घिरा यह टाइगर रिजर्व प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफरों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
यहां की प्रमुख नदियां नॉर्थ कोयल और ऑरंगा हैं, जो इस क्षेत्र की जीवन रेखा मानी जाती हैं। पलामू में कृषि मुख्य रूप से इन नदियों और मानसूनी वर्षा पर निर्भर करती है। धान, गेहूं, मक्का और दालें यहां की प्रमुख फसलें हैं। यहां के ग्रामीण इलाकों में लोग मुख्य रूप से खेती-किसानी और पशुपालन पर निर्भर हैं।
पलामू में कई धार्मिक स्थल भी हैं, जैसे माता जागेश्वरी मंदिर, भैरव बाबा मंदिर और अन्य कई देवी-देवताओं के प्राचीन मंदिर। यहां हर साल मेला और धार्मिक आयोजन भी होते हैं, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
शिक्षा की दृष्टि से भी पलामू तेजी से आगे बढ़ रहा है। मेदिनीनगर में कई स्कूल, कॉलेज और तकनीकी संस्थान हैं। यहां पलामू मेडिकल कॉलेज की भी स्थापना हो चुकी है, जो जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है।
पलामू झारखंड पिन कोड :825102
पलामू से रांची 190 किलोमीटर है |

डाल्टनगंज का नाम कैसे पड़ा?
डाल्टनगंज शहर का नाम, जो अब मेदिनीनगर के नाम से जाना जाता है, 1861 में छोटानागपुर के कमिश्नर, कर्नल एडवर्ड टुइट डाल्टन के नाम पर रखा गया था.
- नाम की उत्पत्ति:ब्रिटिश शासनकाल में, इस शहर को आयरिशमैन कर्नल एडवर्ड टुइट डाल्टन (1815-1880) के नाम पर डाल्टनगंज नाम दिया गया था, जो एक मानवविज्ञानी और 1861 में छोटा नागपुर के कमिश्नर थे.
- नाम परिवर्तन:झारखंड राज्य सरकार ने चेरो वंश के राजा मेदिनी राय के नाम पर इसका नाम बदलकर मेदिनीनगर कर दिया है.
- वर्तमान नाम:वर्तमान में, शहर का नाम मेदिनीनगर है, जो पलामू जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है.
- स्थान:यह कोयल नदी के तट पर स्थित है.
- अन्य जानकारी:डाल्टनगंज अपने वन्यजीव अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है.

कुल मिलाकर पलामू झारखंड का एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहर और आदिवासी संस्कृति इस जिले को खास बनाती है। यदि आप झारखंड की खूबसूरती और इतिहास को करीब से देखना चाहते हैं तो पलामू जरूर आइए।

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