पाकुड़ जिला, झारखंड – एक विस्तृत परिचय (2025)

March 22, 2025
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पाकुड़ जिला, झारखंड – एक विस्तृत परिचय 

झारखंड राज्य के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित पाकुड़ जिला अपनी प्राकृतिक संपदा, खनिज संसाधनों और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला संथाल परगना प्रमंडल के अंतर्गत आता है। वर्ष 1994 में दुमका जिले से अलग होकर पाकुड़ एक स्वतंत्र जिला बना। पाकुड़ जिले की सीमाएँ पश्चिम बंगाल, साहिबगंज, दुमका और बांग्लादेश से मिलती हैं, जो इसे भौगोलिक दृष्टि से विशेष महत्व प्रदान करती हैं।

पाकुड़ जिला - विकिपीडिया

पाकुड़ ज़िला 28 जनवरी, 1994 को बना था. यह झारखंड राज्य का एक ज़िला है. पहले यह बिहार के संथाल परगना ज़िले का एक उप-विभाग था. साल 2000 में बिहार और झारखंड के अलग-अलग राज्य बनने के बाद पाकुड़ ज़िला झारखंड में आ गया. 

पाकुड़ ज़िले के बारे में कुछ और जानकारीः
    • पाकुड़ ज़िले का मुख्यालय पाकुड़ शहर है. 
    • पाकुड़ को पत्थर नगरी भी कहा जाता है. 
    • पाकुड़ ज़िले का क्षेत्रफल 686.21 वर्ग किलोमीटर है. 
  • यह ज़िला झारखंड के उत्तर-पूर्वी कोने पर स्थित है. 
  • उत्तर में साहिबगंज ज़िला, दक्षिण में दुमका ज़िला, पश्चिम में गोड्डा ज़िला और पूर्व में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले से घिरा हुआ है. 
  • पाकुड़ ज़िले में एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, राजमहल है जो साहेबगंज ज़िले के साथ साझा करता है. 
  • पाकुड़ ज़िले में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं. 

पाकुड़ जिला की  भौगोलिक स्थिति और जलवायु

पाकुड़ जिले का कुल क्षेत्रफल लगभग 686 वर्ग किलोमीटर है। यहाँ की भौगोलिक संरचना पहाड़ियों, पठारों और समतल भूमि से मिलकर बनी है। जिले में कई छोटी-बड़ी नदियाँ बहती हैं, जिनमें बंसलोई, ब्राह्मणी और गुमानी प्रमुख हैं। पाकुड़ की जलवायु उष्णकटिबंधीय है, जहाँ गर्मी, सर्दी और वर्षा तीनों ऋतुएँ देखने को मिलती हैं। यहाँ की मिट्टी कृषि के लिए उपयुक्त है।

पाकुड़ जिला की जनसंख्या और भाषा

2011 की जनगणना के अनुसार, पाकुड़ जिले की जनसंख्या लगभग 9 लाख है। यहाँ कई समुदायों और जनजातियों का निवास है, जिनमें संथाल, पहाड़िया और महली प्रमुख जनजातियाँ हैं। जिले में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएँ हैं – हिंदी, संथाली, बंगाली, उर्दू और अंगिका। संथाली भाषा और संस्कृति का यहाँ विशेष प्रभाव देखा जाता है।

पाकुड़ जिले में कितने ब्लॉक हैं?

पाकुड़ जिले में छह सामुदायिक विकास खंड हैं।

पाकुड़ में कितने थाने हैं?

पाकुड़ के अमरापारा थाना और पाकुरिया थाना में उनका गढ़ है।

 

पाकुड़ जिले में कुल कितनी ग्राम पंचायतें हैं?

उत्तर: पाकुड़ जिला पंचायत में कुल 128 ग्राम पंचायतें हैं।

 

पाकुड़ जिला की इतिहास और सांस्कृतिक विरासत

पाकुड़ का इतिहास काफी समृद्ध है। यह क्षेत्र संथाल परगना का अभिन्न हिस्सा रहा है और संथाल विद्रोह (1855-56) में इस जिले की अहम भूमिका रही है। यहाँ की संस्कृति में आदिवासी परंपराएँ, गीत, नृत्य और पर्व-त्योहार गहराई से जुड़े हुए हैं। सरहुल, करम, सोहराय और माघी जैसे पर्व यहाँ धूमधाम से मनाए जाते हैं।

अर्थव्यवस्था और खनिज संसाधन

पाकुड़ जिला प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। यहाँ का मुख्य व्यवसाय खनन है। पाकुड़ का ब्लैक स्टोन (काला पत्थर) देश और विदेश में प्रसिद्ध है। इस जिले में बड़े पैमाने पर स्टोन चिप्स और पत्थर की आपूर्ति की जाती है, जिसका उपयोग सड़क निर्माण और भवन निर्माण में होता है। इसके अलावा, कृषि भी यहाँ के लोगों का मुख्य आजीविका स्रोत है। धान, मक्का, दलहन और तिलहन प्रमुख फसलें हैं।

यह अपने काले पत्थर के लिए प्रसिद्ध है। यह पूरे भारत में काले पत्थर के चिप्स और पंजाब को कोयला आपूर्ति करके हावड़ा रेलवे डिवीजन के लिए सबसे अधिक राजस्व उत्पन्न कर रहा है। अतीत में, पाकुड़ संथालों और माल पहाड़िया लोगों द्वारा बसा हुआ क्षेत्र था।

शिक्षा और स्वास्थ्य

शिक्षा के क्षेत्र में पाकुड़ जिला धीरे-धीरे विकास कर रहा है। यहाँ पाकुड़ कॉलेज, महिला महाविद्यालय, कई सरकारी और निजी स्कूल हैं। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है, विशेषकर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में। स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो जिले में सदर अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं, लेकिन स्वास्थ्य सेवाएँ सीमित हैं और ग्रामीण इलाकों में इसका विस्तार जरूरी है।

 

पाकुड़ जिला की पर्यटन स्थल

पाकुड़ जिले में कई प्राकृतिक और धार्मिक स्थल हैं, जहाँ पर्यटक आकर्षित होते हैं।

  • शिव पहाड़ी: एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल, जहाँ महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं।
  • Maa Kali Mandir (पाकुड़ शहर में स्थित)
  • Dumrajpur पहाड़ी क्षेत्र
    यहाँ की हरियाली, प्राकृतिक झरने और पहाड़ियां इस जिले की सुंदरता को बढ़ाते हैं।

निष्कर्ष

पाकुड़ जिला झारखंड का एक महत्वपूर्ण जिला है, जो अपनी खनिज संपदा, सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की मुख्य पहचान इसका ब्लैक स्टोन उद्योग है, जिसने इस जिले को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। हालांकि, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी भी विकास की काफी आवश्यकता है। यदि सरकार और प्रशासन मिलकर प्रयास करें तो आने वाले वर्षों में पाकुड़ जिला झारखंड के विकसित जिलों में शामिल हो सकता है।

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