भारत के शीर्ष 10 वेशभूषा:2025
भारत एक बहुसांस्कृतिक देश है, जहां विभिन्न राज्यों और समुदायों की अपनी पारंपरिक वेशभूषा होती है। भारतीय परिधान न केवल सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक हैं, बल्कि इनकी भव्यता और सुंदरता भी दुनिया भर में सराही जाती है। यहां हम भारत के शीर्ष 10 प्रसिद्ध परिधानों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
1. साड़ी
साड़ी भारतीय महिलाओं का सबसे लोकप्रिय और पारंपरिक परिधान है। यह आमतौर पर 5 से 9 गज लंबा कपड़ा होता है, जिसे विभिन्न प्रकार से पहना जाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग प्रकार की साड़ियां पहनी जाती हैं, जैसे कि बनारसी साड़ी (उत्तर प्रदेश), कांजीवरम साड़ी (तमिलनाडु), पटोला साड़ी (गुजरात), और तांत साड़ी (पश्चिम बंगाल)। साड़ी महिलाओं की सुंदरता को निखारने के साथ-साथ गरिमा और शालीनता का प्रतीक भी होती है।

2. सलवार कमीज
सलवार कमीज उत्तर भारत, पंजाब और पाकिस्तान में बहुत लोकप्रिय है। यह एक आरामदायक और स्टाइलिश पोशाक है, जिसमें लंबा कुर्ता, ढीला सलवार और एक दुपट्टा शामिल होता है। यह पोशाक विभिन्न प्रकार की कढ़ाई और डिज़ाइनों में उपलब्ध होती है, जो इसे हर अवसर के लिए उपयुक्त बनाती है।

3. लहंगा चोली
लहंगा चोली भारतीय महिलाओं का एक पारंपरिक और भव्य परिधान है, जिसे विशेष रूप से शादी और त्योहारों के अवसर पर पहना जाता है। यह एक लंबी घेरदार स्कर्ट (लहंगा), एक ब्लाउज (चोली) और एक दुपट्टे से मिलकर बनता है। यह पोशाक गुजरात, राजस्थान और उत्तर भारत में विशेष रूप से लोकप्रिय है। लहंगा चोली की विभिन्न शैलियों में ज़री, गोटा-पट्टी और कढ़ाई का सुंदर समावेश होता है।

4. धोती कुर्ता
धोती कुर्ता भारतीय पुरुषों का पारंपरिक परिधान है, जो विशेष रूप से दक्षिण भारत, बंगाल और उत्तर भारत में पहना जाता है। धोती एक लंबा सफेद या रंगीन कपड़ा होता है, जिसे विशेष तरीके से लपेटा जाता है। इसे एक कुर्ते के साथ पहना जाता है, जो इसे एक शाही और पारंपरिक रूप प्रदान करता है। यह पोशाक धार्मिक अनुष्ठानों और पारंपरिक आयोजनों में प्रमुख रूप से पहनी जाती है।
5. शेरवानी
शेरवानी भारतीय पुरुषों के लिए एक भव्य और शाही पोशाक है, जिसे विशेष रूप से शादी और पारंपरिक समारोहों में पहना जाता है। यह एक लंबा, भारी कढ़ाई वाला कोट होता है, जिसे चूड़ीदार पायजामा या धोती के साथ पहना जाता है। शेरवानी को अक्सर दुपट्टे और जूतियों के साथ संयोजित किया जाता है, जिससे यह एक रॉयल लुक प्रदान करता है।

6. कुर्ता पायजामा
कुर्ता पायजामा भारतीय पुरुषों के लिए सबसे आम और आरामदायक परिधान है। यह एक लंबी कमीज़ (कुर्ता) और एक ढीला या फिटेड पायजामा से मिलकर बनता है। यह पारंपरिक और आधुनिक दोनों रूपों में उपलब्ध है और इसे किसी भी अवसर पर पहना जा सकता है। साधारण सूती कुर्ता पायजामा रोजमर्रा के उपयोग के लिए आदर्श होता है, जबकि कढ़ाई वाला कुर्ता पायजामा त्योहारों और शादियों के लिए पहना जाता है।

7. गाघरा चोली
गाघरा चोली भारतीय पारंपरिक परिधानों में से एक है, जो विशेष रूप से राजस्थान, गुजरात और उत्तर भारत में लोकप्रिय है। यह पोशाक मुख्य रूप से त्योहारों, शादी-ब्याह और पारंपरिक आयोजनों के दौरान पहनी जाती है। गाघरा चोली की भव्यता और सुंदरता इसे भारतीय महिलाओं की पसंदीदा पोशाकों में से एक बनाती है।
गाघरा चोली के मुख्य घटक
- गाघरा (स्कर्ट) – यह एक लंबी, घेरदार और सुशोभित स्कर्ट होती है, जिसे विभिन्न प्रकार के कपड़ों से बनाया जाता है। राजस्थानी गाघरा में भारी कढ़ाई और शीशे का काम होता है, जबकि गुजराती गाघरा में रंग-बिरंगे पैटर्न और डिज़ाइन होते हैं।
- चोली (ब्लाउज) – यह एक फिटेड ब्लाउज होता है, जिसे विभिन्न डिज़ाइनों में तैयार किया जाता है। चोली को पारंपरिक तरीके से या आधुनिक शैली में पहना जा सकता है।
- दुपट्टा – गाघरा चोली के साथ एक लंबा दुपट्टा भी होता है, जिसे सिर पर ओढ़ा जाता है या अलग-अलग स्टाइल में ड्रेप किया जाता है। दुपट्टे में गोटा-पट्टी, ज़री वर्क, और कढ़ाई का उपयोग किया जाता है।
गाघरा चोली की विशेषताएँ
रंग-बिरंगे डिज़ाइन: पारंपरिक गाघरा चोली में चमकीले रंगों का उपयोग किया जाता है, जिससे यह और भी आकर्षक दिखती है।
कढ़ाई और गोटा-पट्टी वर्क: हाथ से की गई कढ़ाई, ज़रदोज़ी, शीशे का काम, और गोटा-पट्टी वर्क इसे शाही रूप प्रदान करते हैं।
त्योहारों के लिए उपयुक्त: नवरात्रि, गरबा, शादी, करवा चौथ और अन्य पारंपरिक आयोजनों में इसे विशेष रूप से पहना जाता है।
विभिन्न प्रकार: ब्राइडल गाघरा चोली, बंधेज गाघरा, मिरर वर्क गाघरा, और डिजिटल प्रिंटेड गाघरा आदि विभिन्न प्रकारों में उपलब्ध हैं।
गाघरा चोली का सांस्कृतिक महत्व
गाघरा चोली न केवल एक परिधान है, बल्कि यह भारतीय परंपराओं और रीति-रिवाजों का भी प्रतीक है। यह परिधान भारतीय संस्कृति, लोककला और महिलाओं की सुंदरता को अद्वितीय रूप से प्रदर्शित करता है।

8. मेकला चादर
मेकला चादर असम की पारंपरिक वेशभूषा है, जिसे असमिया महिलाएं पहनती हैं। यह दो भागों में बंटा होता है – मेकला (स्कर्ट) और चादर (दुपट्टे जैसा कपड़ा), जिसे ब्लाउज के साथ पहना जाता है। इसे विभिन्न प्रकार की सिल्क, जैसे कि मूंगा सिल्क और पट सिल्क में तैयार किया जाता है। असम में यह परिधान पारंपरिक त्योहारों और शादी के अवसर पर पहना जाता है।

9. फिरन
फिरन कश्मीर की पारंपरिक पोशाक है, जिसे पुरुष और महिलाएं दोनों पहनते हैं। यह एक लंबी ढीली पोशाक होती है, जो सर्दी के मौसम में गर्मी बनाए रखने में मदद करती है। इसे ऊन और पश्मीना से बनाया जाता है और इसमें कढ़ाई का सुंदर कार्य किया जाता है। सर्दियों में फिरन के नीचे अतिरिक्त ऊनी कपड़े पहने जाते हैं, जिससे यह ठंड से बचाने में कारगर होता है।

10. मुंदरम नेरियाथुम
मुंदरम नेरियाथुम केरल की पारंपरिक महिलाओं की वेशभूषा है। यह एक सफेद और सुनहरे बॉर्डर वाली साड़ी होती है, जिसे विशेष रूप से ओणम और विवाह के अवसर पर पहना जाता है। इसे पहनने का तरीका अद्वितीय होता है, जिससे यह पारंपरिक के साथ-साथ आकर्षक भी दिखता है।

भारत के शीर्ष 10 वेशभूषा:2025
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निष्कर्ष
भारत की पारंपरिक वेशभूषा उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता को दर्शाती है। यहां के विभिन्न परिधान न केवल सुंदरता में अद्वितीय होते हैं, बल्कि प्रत्येक पोशाक के पीछे एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी होता है। चाहे वह साड़ी हो, धोती हो, शेरवानी हो या फिर गाघरा चोली – हर परिधान भारत की रंगीन संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है।
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