महाकुंभ पर्व हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है। यह पर्व गंगा, यमुना, और सरस्वती नदियों के संगम पर आयोजित किया जाता है, जो प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में स्थित है।
महाकुंभ पर्व के दौरान, लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। अमृत स्नान का अर्थ है गंगा नदी में स्नान करना, जो हिंदू धर्म में एक पवित्र नदी मानी जाती है।
महाकुंभ पर्व की कहानी भगवान विष्णु से जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने अमृत कलश (अमृत का पात्र) लेकर आकाश में उड़ान भरी थी। उस समय, अमृत कलश से कुछ बूंदें गिर गईं, जो पृथ्वी पर चार स्थानों पर गिरीं – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक।
इन चार स्थानों पर महाकुंभ पर्व आयोजित किया जाता है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है। महाकुंभ पर्व के दौरान, श्रद्धालु इन स्थानों पर इकट्ठा होते हैं और अमृत स्नान करते हैं, जो उनके पापों को धोने और मोक्ष प्राप्त करने का एक तरीका माना जाता है।
महाकुंभ पर्व एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हिंदू धर्म की समृद्धि और विविधता को दर्शाता है। यह पर्व लाखों श्रद्धालुओं को एक साथ लाता है और उन्हें अपने धर्म और संस्कृति के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है।