देवघर जिला, झारखंड – एक विस्तृत परिचय
परिचय
देवघर झारखंड राज्य का एक प्रमुख जिला है, जिसे ‘बाबा नगरी’ और ‘झारखंड का सांस्कृतिक राजधानी’ भी कहा जाता है। यह जिला धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ का प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, न केवल झारखंड बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यह जिला संथाल परगना प्रमंडल का हिस्सा है और धार्मिक पर्यटन का केंद्र माना जाता है।
इतिहास:
देवघर का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है। इसका नाम ‘देवघर’ यानी ‘देवताओं का घर’ इसी धार्मिक महत्त्व के कारण पड़ा। मान्यता है कि यहाँ रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया था। यही कारण है कि यहाँ बैद्यनाथ धाम की स्थापना हुई।
ब्रिटिश काल में देवघर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के रूप में विकसित हुआ। संथाल विद्रोह के समय यह क्षेत्र क्रांतिकारियों की गतिविधियों का केंद्र भी रहा। 2001 में देवघर को गोड्डा जिले से अलग कर एक स्वतंत्र जिला बनाया गया।
भौगोलिक स्थिति और जलवायु:
देवघर झारखंड के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है। इसकी सीमाएँ गोड्डा, दुमका, गिरिडीह, जमुई (बिहार) और बांका (बिहार) जिलों से मिलती हैं। जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल लगभग 2479 वर्ग किलोमीटर है।
देवघर की भौगोलिक बनावट में समतल मैदान और कुछ जगहों पर पहाड़ियाँ हैं। यहाँ मुख्यतः लाल और बलुई मिट्टी पाई जाती है। जलवायु की बात करें तो यहाँ गर्मी, सर्दी और वर्षा तीनों ऋतुएँ प्रमुख रूप से देखी जाती हैं। गर्मियों में तापमान 42 डिग्री तक पहुँचता है, वहीं सर्दियों में यह 7-8 डिग्री तक गिर जाता है।
प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन स्थल:
देवघर प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन के लिए जाना जाता है। यहाँ कई दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
- बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर: यह भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल है और हिन्दू धर्म का अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है। सावन के महीने में यहाँ लाखों कांवड़िये गंगा जल लेकर जलाभिषेक करने आते हैं। मान्यता है कि यहाँ पूजा करने से सभी रोग और दुख दूर हो जाते हैं।
- नंदन पहाड़: यह एक खूबसूरत पहाड़ी स्थल है जहाँ शिव मंदिर, झील और बच्चों के लिए पार्क बनाया गया है। यहाँ से सूर्यास्त का दृश्य बेहद आकर्षक होता है।
- तपovan: यह देवघर से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है। कहा जाता है कि यहाँ त्रेता युग में ऋषि-मुनियों ने तपस्या की थी। यहाँ भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है।
- रोहिणी झील और त्रिकुट पहाड़: रोहिणी झील एक सुंदर पिकनिक स्थल है, वहीं त्रिकुट पहाड़ तीन चोटियों वाला पहाड़ी क्षेत्र है, जहाँ रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है। यहाँ का मनोरम दृश्य पर्यटकों को बहुत पसंद आता है।
- नवलखा मंदिर और सीताबाड़ी: नवलखा मंदिर राधा-कृष्ण को समर्पित है और इसकी वास्तुकला अद्भुत है। सीताबाड़ी एक पौराणिक स्थल है जहाँ माता सीता के वनवास का समय बिताने की मान्यता जुड़ी है।
आर्थिक स्थिति:
देवघर की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, पर्यटन और व्यापार पर आधारित है। यहाँ की उपजाऊ भूमि में धान, गेहूँ, मक्का, तिलहन, दलहन और सब्जियों की अच्छी पैदावार होती है। पर्यटन के कारण यहाँ होटल, दुकानें, हैंडीक्राफ्ट्स और लोकल व्यापार फल-फूल रहे हैं।
हाल ही में देवघर में औद्योगिक विकास की ओर भी कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसके अलावा देवघर में हवाई अड्डे की शुरुआत के बाद व्यापार और रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य:
देवघर शिक्षा के क्षेत्र में भी लगातार प्रगति कर रहा है। यहाँ कई सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज, आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थान हैं। देवघर कॉलेज, एचआर कॉलेज, एएस कॉलेज और रांची विश्वविद्यालय से संबद्ध अन्य संस्थान प्रमुख हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं में यहाँ का सदर अस्पताल, बाबा बैद्यनाथ आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल, कई निजी अस्पताल और नर्सिंग होम प्रमुख हैं। हाल ही में देवघर एम्स की स्थापना से जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं में जबरदस्त सुधार हुआ है।
संस्कृति और परंपरा:
देवघर की संस्कृति बहुरंगी और समृद्ध है। यहाँ हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और आदिवासी संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। सावन महीने में लगने वाला श्रावणी मेला यहाँ की संस्कृति और परंपरा की सबसे बड़ी झलक है, जहाँ देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं।
लोकगीत, लोकनृत्य और संथाली संस्कृति यहाँ की पहचान है। चैती, झूमर, फगुआ, नागपुरी और संथाली गीत यहाँ खूब लोकप्रिय हैं। छठ, दुर्गा पूजा, दिवाली, होली, ईद, क्रिसमस आदि यहाँ पूरे उत्साह से मनाए जाते हैं।
प्रशासनिक व्यवस्था:
देवघर जिले में वर्तमान में कई प्रखंड हैं, जैसे – देवघर सदर, मधुपुर, सारठ, पालोजोरी, मोहनपुर, करों, देवीपुर आदि। हर प्रखंड में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है।
यह जिला देवघर लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र में आता है। जिला प्रशासन लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत रहता है।
परिवहन और यातायात:
देवघर की परिवहन व्यवस्था काफी बेहतर होती जा रही है। अब यह जिला रेल, सड़क और हवाई मार्ग से देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ चुका है।
- रेल मार्ग: देवघर जसीडीह रेलवे स्टेशन से जुड़ा है, जो हावड़ा-दिल्ली मुख्य लाइन पर स्थित है। यहाँ से हावड़ा, दिल्ली, पटना, Ranchi और अन्य प्रमुख शहरों के लिए ट्रेनें चलती हैं।
- सड़क मार्ग: देवघर NH-114A और अन्य मुख्य सड़कों से जुड़ा है। रांची, पटना, कोलकाता, भागलपुर, दुमका, गोड्डा आदि शहरों के लिए बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
- हवाई मार्ग: 2022 में शुरू हुआ देवघर एयरपोर्ट झारखंड का दूसरा व्यावसायिक हवाई अड्डा है। यहाँ से रांची, दिल्ली, कोलकाता, बंगलुरु आदि शहरों के लिए सीधी फ्लाइट सेवाएँ मिल रही हैं, जिससे देवघर के विकास को नई उड़ान मिली है।
भविष्य की संभावनाएँ:
देवघर जिले में विकास की अपार संभावनाएँ हैं। पर्यटन, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है। देवघर एम्स, एयरपोर्ट, औद्योगिक क्षेत्र और स्मार्ट सिटी परियोजना जैसे बड़े प्रोजेक्ट जिले के विकास को गति देंगे।
बाबा बैद्यनाथ धाम का महत्व:
बाबा बैद्यनाथ धाम के कारण देवघर धार्मिक पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र है। सावन महीने में झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और नेपाल तक से लाखों श्रद्धालु यहाँ जल चढ़ाने आते हैं। यहाँ हर साल करोड़ों की आमदनी केवल धार्मिक पर्यटन से होती है।

देवघर का सामाजिक जीवन:
देवघर में सामाजिक सौहार्द और भाईचारे की भावना देखने को मिलती है। यहाँ हर जाति, धर्म और वर्ग के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। सामाजिक कार्यक्रम, सांस्कृतिक आयोजन और धार्मिक मेलों के माध्यम से यहाँ की एकता और संस्कृति देखने को मिलती है।
प्राकृतिक संसाधन:
देवघर जिला प्राकृतिक संसाधनों से भी समृद्ध है। यहाँ की उपजाऊ भूमि कृषि के लिए अनुकूल है। जिले में कई नदियाँ बहती हैं, जैसे – अजय नदी, मायूराक्षी नदी आदि। जंगल और पहाड़ियाँ भी इस जिले की प्राकृतिक संपदा में शामिल हैं।
देवघर का औद्योगिक विकास:
भविष्य में देवघर में औद्योगिक विकास की संभावनाएँ प्रबल हैं। यहाँ के टूरिज्म, हैंडीक्राफ्ट, कृषि और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की योजना बन रही है। नए रेलवे प्रोजेक्ट्स, एयरपोर्ट और मेडिकल कॉलेज के कारण यहाँ निवेश बढ़ेगा।

देवघर एम्स (AIIMS Deoghar) – एक विस्तृत जानकारी
परिचय:
देवघर एम्स (AIIMS – All India Institute of Medical Sciences, Deoghar) झारखंड राज्य के देवघर जिले में स्थापित एक केंद्रीय स्वास्थ्य संस्थान है। यह एम्स देश के उन चुनिंदा एम्स संस्थानों में शामिल है, जिन्हें केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया है। देवघर एम्स झारखंड के लोगों के लिए एक वरदान बनकर उभरा है।

स्थापना और निर्माण:
देवघर एम्स की आधारशिला वर्ष 2017 में रखी गई थी। इसे प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत मंजूरी मिली। लगभग 1103 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया गया। जुलाई 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवघर एम्स का उद्घाटन किया और यहाँ OPD सेवाएँ शुरू की गईं।
स्थान और क्षेत्रफल:
देवघर एम्स, देवघर जिला मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूर, देवीपुर प्रखंड में स्थित है। यह लगभग 236 एकड़ क्षेत्र में फैला है। इसका परिसर आधुनिक सुविधाओं से लैस और पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है।

मुख्य विशेषताएँ:
- बेड क्षमता: देवघर एम्स में कुल 750 बेड का मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल है, जिसमें ICU, NICU और सुपर स्पेशलिटी सुविधाएँ शामिल हैं।
- मेडिकल कॉलेज: यहाँ मेडिकल कॉलेज भी शुरू हो चुका है, जिसमें MBBS की पढ़ाई कराई जाती है। हर साल लगभग 100 MBBS छात्रों का नामांकन होता है।
- सुपर स्पेशलिटी सेवाएँ: हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हड्डी रोग, सर्जरी जैसी प्रमुख चिकित्सा सेवाएँ यहाँ मिलती हैं।
- आधुनिक सुविधाएँ:
- अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर
- डायग्नोस्टिक लैब
- MRI, CT Scan, Digital X-ray
- टेलीमेडिसिन सुविधा
- ब्लड बैंक और इमरजेंसी सेवाएँ
- रिसर्च और ट्रेनिंग: एम्स देवघर में न केवल इलाज बल्कि मेडिकल रिसर्च और स्वास्थ्यकर्मियों की ट्रेनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
महत्व और लाभ:
✅ झारखंड और बिहार जैसे राज्यों के लाखों लोगों को अब इलाज के लिए दिल्ली, कोलकाता या बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
✅ गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को सस्ती दरों पर बेहतर इलाज मिल सकेगा।
✅ मेडिकल शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में झारखंड को नई पहचान मिलेगी।
✅ क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बढ़ेगा और डॉक्टरों की कमी भी कम होगी।
वर्तमान स्थिति:
अभी एम्स देवघर में OPD, IPD, डायग्नोस्टिक, इमरजेंसी, सर्जरी और अन्य मेडिकल सेवाएँ चालू हैं। मेडिकल कॉलेज पूरी तरह शुरू हो चुका है और MBBS के कई बैच पढ़ाई कर रहे हैं।
भविष्य की योजना:
- PG (MD/MS) कोर्स शुरू करने की योजना
- सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में और विभाग जोड़ने की तैयारी
- रिसर्च लैब और फार्मेसी कॉलेज की स्थापना

निष्कर्ष:
एम्स देवघर झारखंड और आसपास के राज्यों के लिए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा का एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। यह झारखंड के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है। आने वाले वर्षों में एम्स देवघर पूर्वी भारत का प्रमुख मेडिकल हब बनकर उभरेगा।
अगर आप एम्स देवघर से जुड़ी किसी विशेष जानकारी जैसे – डॉक्टर लिस्ट, सुविधाएँ, प्रवेश प्रक्रिया या संपर्क जानकारी चाहते हैं, तो बताइए, मैं आपको डिटेल में दे दूँगा।
निष्कर्ष:
देवघर झारखंड का एक महत्वपूर्ण जिला है, जिसकी पहचान धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल के रूप में है। बाबा बैद्यनाथ धाम इसका मुख्य आकर्षण है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बनाता है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक स्थल, समृद्ध संस्कृति, बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था, औद्योगिक संभावनाएँ इसे झारखंड का चमकता हुआ हीरा बनाती हैं।
आने वाले समय में देवघर न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश का एक विकसित और आदर्श जिला बनेगा, जहाँ धर्म, पर्यटन, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल होंगी।
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