खूंटी जिला, झारखंड (Khunti District, Jharkhand)
परिचय:
खूंटी झारखंड का एक ऐतिहासिक और आदिवासी बहुल जिला है, जिसे झारखंड की ‘झारखंडी संस्कृति की धरती’ कहा जाता है। खूंटी का नाम ‘खूंट’ शब्द से निकला है, जिसका अर्थ होता है ‘स्तंभ’ या ‘खंभा’। यह जिला बिरसा मुंडा की जन्मभूमि है, जिन्होंने जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया था।
स्थापना:
- खूंटी जिला 12 सितंबर 2007 को रांची जिले से अलग होकर अस्तित्व में आया।
- यह झारखंड का 24वां जिला बना।
भौगोलिक स्थिति:
- राज्य: झारखंड
- प्रमंडल: दक्षिण छोटानागपुर
- जिला मुख्यालय: खूंटी
- क्षेत्रफल: लगभग 2,535 वर्ग किलोमीटर
- सीमाएं: रांची, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, गुमला और सिमडेगा जिलों से घिरा हुआ।

जनसंख्या (2011 जनगणना):
- कुल जनसंख्या: लगभग 5.3 लाख
- साक्षरता दर: लगभग 64%
- जनजातीय जनसंख्या: लगभग 73%
- प्रमुख जनजातियाँ: मुंडा, उरांव, हो, खड़िया, असुर
- भाषाएँ: हिंदी, मुंडारी, नागपुरी, उरांव, संथाली
प्रमुख पर्यटन स्थल:
- उलगुलान स्थल (Birsa Munda Memorial Place): स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की याद में बनाया गया स्थल।
- डासम जलप्रपात: खूबसूरत झरना, रांची-खूंटी मार्ग में स्थित।
- अंजू घाटी: हरे-भरे जंगलों से घिरी सुंदर घाटी।
- तिरला डैम: पिकनिक और घूमने के लिए प्रसिद्ध स्थान।
- खूंटी चर्च: 1890 में बना ऐतिहासिक चर्च।
अर्थव्यवस्था:
- मुख्य रूप से कृषि आधारित जिला।
- धान, मक्का, दलहन की खेती होती है।
- वन उत्पाद जैसे लाख, महुआ, तेंदू पत्ता और बाँस का बड़ा योगदान है।
- क्षेत्र में कई लघु उद्योग भी हैं, जैसे लाख उद्योग।
संस्कृति और परंपराएं:
- खूंटी जिला आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का प्रमुख केंद्र है।
- करमा, सरहुल, झूमर, डाहका जैसे आदिवासी नृत्य-गीत प्रसिद्ध हैं।
- यहाँ के लोग प्रकृति पूजक हैं और त्योहारों में प्रकृति की विशेष पूजा करते हैं।
शिक्षा:
- शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
- कई सरकारी और निजी विद्यालय और कॉलेज हैं।
- बिरसा कॉलेज खूंटी यहाँ का प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है।
विशेषताएँ:
- बिरसा मुंडा की जन्मभूमि होने के कारण ऐतिहासिक महत्व।
- घने जंगल, सुंदर झरने और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर।
- लाख उत्पादन में देशभर में प्रसिद्ध।
- आदिवासी संस्कृति और परंपरा का मजबूत गढ़।
खूंटी क्यों प्रसिद्ध है?
खूंटी झारखंड क्षेत्र के लाख उत्पादक के रूप में प्रसिद्ध है। भारत के कुल लाख का एक बड़ा हिस्सा यहीं पैदा होता है। लाख एक प्राकृतिक बहुलक (राल) है जो केरिया लक्का (केर) नामक एक छोटे कीट द्वारा निर्मित होता है। यह कीट विशेष रूप से कई प्रकार के पेड़ों जैसे पलाश, कुसुम और बेर की टहनियों पर उगता है।
खूंटी जिले में कितने ब्लॉक हैं?
खूंटी 6 ब्लॉकों वाला एक जिला है, और राज्य की राजधानी रांची से 40 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।
खूंटी जिले में कितने गांव हैं?
खूंटी जिला पंचायत में कुल 758 गांव हैं.
खूंटी की जनसंख्या कितनी है?
झारखंड के खूंटी ज़िले की जनसंख्या 2011 की जनगणना के मुताबिक 5,31,885 थी. साल 2023 तक यह जनसंख्या 9,61,040 हो गई है.
खूंटी जिले में कितने जलप्रपात हैं?
मुरहू प्रखंड में चार पंचघाघ, रानीफॉल (कुलाबुरू सड़ागी), पंगुरा जलप्रपात और पेलौल डैम, तोरपा प्रखंड में पेरवांघाघ, पांडु पुड़िंग, लावा घाघ, चंचला घाघ, सातधारा, रनिया में उलुंग जलप्रपात (पेरवाघाघ-2), अड़की में धरती आबा जलप्रपात, सोसोकुटी डैम, राजा बांधा, खूंटी सदर प्रखंड में बिरसा मृग विहार, रिमिक्स फॉल, दसम फॉल पश्चिमी,
खूंटी में कौन-कौन से लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं?
- पंचघाघ पंचघाघ पांच झरनों का संयोजन से बना है। …
- अंगराबारी-शिव मंदिर …
- डोम्बारी बुरु …
- उलिहातु …
- डियर पार्क …
- पेरवाघाघ जलप्रपात …
- रानी जलप्रपात …
- जेल चर्च-सर्वदा
खूंटी जिले में अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी, कुल जनसंख्या का लगभग 73.25% है।
यहाँ कुछ और विवरण दिए गए हैं:
- जनगणना 2011 के अनुसार:खूंटी जिले में अनुसूचित जनजाति की आबादी कुल जनसंख्या का 73.25% है.
- झारखंड में अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत:झारखंड में कुल जनसंख्या का 26.2% हिस्सा अनुसूचित जनजाति का है.
- खूंटी जिले की कुल जनसंख्या:2011 की जनगणना के अनुसार, खूंटी जिले की कुल जनसंख्या 5.298 लाख है.
- खूंटी जिला:खूंटी जिला, झारखंड की राजधानी रांची से 40 किलोमीटर दूर स्थित है.
- झारखंड में जनजातियों की संख्या:झारखंड में कुल 32 जनजातियां पाई जाती हैं.
मुख्य चुनौतियाँ:
- नक्सलवाद की समस्या
- स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था की कमी
- रोजगार के सीमित अवसर
निष्कर्ष:
खूंटी जिला झारखंड का एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध जिला है। यहाँ की मिट्टी में आज भी बिरसा मुंडा की क्रांति की खुशबू बसती है। आदिवासी संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक विरासत के कारण खूंटी का झारखंड में विशेष महत्व है।
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