गोड्डा जिला झारखंड राज्य का एक प्रमुख जिला है, जो राज्य के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। यह जिला 17 मई 1983 को संथाल परगना से अलग होकर स्वतंत्र जिले के रूप में अस्तित्व में आया। गोड्डा अपने सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और औद्योगिक विकास के लिए प्रसिद्ध है। गोड्डा नगर इस जिले का मुख्यालय है और प्रशासनिक तथा आर्थिक गतिविधियों का केंद्र भी है।
गोड्डा किस लिए प्रसिद्ध है?
गोड्डा जिले का इतिहास पाषाण युग से सबंधित है। हथौड़ों, अक्ष, तीर-कांड , कृषि उपकरण इत्यादि, विशेष रूप से संथाल परगना में इस क्षेत्र में पत्थर के हथियारों का एक बड़ा हिस्सा पाया गया है। हालांकि राज्य में उचित ऐतिहासिक दस्तावेजों की कमी है। विभिन्न साक्ष्य यह भी कहते हैं कि जिले में वैदिक काल के दौरान भी सभ्यता थी।
भौगोलिक स्थिति और जलवायु:
गोड्डा जिला उत्तर में साहिबगंज, दक्षिण में दुमका, पश्चिम में बिहार राज्य का भागलपुर और पूर्व में पाकुड़ जिले से घिरा हुआ है। इस जिले का क्षेत्रफल लगभग 2,110 वर्ग किलोमीटर है। गोड्डा की भौगोलिक स्थिति 24°45′ से 25°18′ उत्तरी अक्षांश और 87°05′ से 87°30′ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। जिले का भू-भाग मुख्यतः पहाड़ी और वन क्षेत्रों से घिरा हुआ है, विशेषकर पूर्वी भाग में। जबकि पश्चिमी भाग मैदानी है, जहाँ कृषि का अच्छा विकास हुआ है।
गोड्डा जिला में कई छोटी-बड़ी नदियाँ बहती हैं, जिनमें सुंदर, कझिया, हरना और गुमानी प्रमुख हैं। ये नदियाँ जिले की सुंदरता में चार चाँद लगाने के साथ ही सिंचाई और जनजीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जिले की जलवायु सामान्यतः उष्णकटिबंधीय है, जहाँ गर्मियों में तेज गर्मी, सर्दियों में हल्की ठंड और वर्षा ऋतु में अच्छी बारिश होती है।
गोड्डा जिला की जनसंख्या और संस्कृति:
2011 की जनगणना के अनुसार गोड्डा जिले की कुल जनसंख्या लगभग 13.13 लाख है। यहाँ की आबादी में आदिवासी समुदाय की संख्या भी काफी अधिक है, जिनमें संथाल, पहाड़िया, उरांव और मुंडा प्रमुख हैं। इसके अलावा सामान्य हिंदू, मुस्लिम और अन्य समुदायों के लोग भी यहाँ आपसी सौहार्द के साथ रहते हैं।
गोड्डा की संस्कृति विविधताओं से भरपूर है। यहाँ के लोग पारंपरिक त्योहारों और मेलों को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। सोहराय, करमा, जतरा और सरहुल जैसे लोक त्योहार यहाँ के आदिवासी समाज में विशेष महत्व रखते हैं। हिंदी, संथाली, अंगिका और बंगाली यहाँ की प्रमुख भाषाएँ हैं।
उन्होंने इस क्षेत्र में रहने वाली जाति की पहचान की और उसका नाम मल्लेर या सौरिया पहाड़िया जनजाति रखा। 645 ई. में, एक चीनी तीर्थयात्री ह्वेन त्सियांग ने चंपा का दौरा किया और इस युग से पहले गोड्डा जिले का इतिहास अभी भी अज्ञात है। इस समय के दौरान संथाल परगना का क्षेत्र पाल क्षेत्र के अंतर्गत था।
गोड्डा जिला भारत के झारखण्ड राज्य रॉ एगो जिला छेकै। एकरॉ मुख्यालय गोड्डा छेकै। यहाँ क मुख्य भाषा अंगिका छेकै।
गोड्डा में कितने ब्लॉक हैं? —– जिले में नौ ब्लॉक हैं |
गोड्डा जिले का जनसंख्या घनत्व 491 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर (491 persons per sq. km) है।
यह आंकड़ा 2011 की जनगणना के अनुसार है।
गोड्डा जिले में कितने थाने हैं?
आपराधिक न्याय प्रणाली के अंतर्गत पुलिस प्रशासन की सुविधा के लिए जिले को एक(1) पुलिस अनुमंडल, पांच(5) पुलिस अंचल, पंद्रह(15) पुलिस थानों में बांटा गया है|
गोड्डा जिला का पिन कोड क्या है? ——– 814133
गोड्डा जिला में कितनी पंचायतें हैं?
जिले में 172 पंचायतें और 2304 गांव हैं।
गोड्डा जिला की आर्थिक स्थिति और उद्योग:
गोड्डा की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। धान, मक्का, गेहूं, दालें और तिलहन यहाँ की प्रमुख फसलें हैं। इसके अलावा कोयला खनन और बिजली उत्पादन के क्षेत्र में भी गोड्डा ने तेजी से विकास किया है। जिले में एनटीपीसी (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम) द्वारा स्थापित ताप विद्युत परियोजना यहाँ की सबसे बड़ी औद्योगिक परियोजना है, जिससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हुए हैं।
यह खान सालाना 11.5 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर रही है।
शिक्षा और पर्यटन:
गोड्डा में शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे सुधर रहा है। यहाँ कई सरकारी और निजी विद्यालय एवं महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं। पर्यटन की दृष्टि से भी गोड्डा आकर्षक है। यहाँ का सुंदर डैम, सकरी घाट, ठाकुरगंगटी और राजाभीठा जैसे स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
गोड्डा जिले के पर्यटक स्थल के रूप में पोड़ैयाहाट की विभिन्न पहाडियां नये साल के स्वागत के लिए तैयार है. प्रखंड के मुख्य पर्यटन स्थल के रूप में चीर नदी स्थित गुड़महेश्वर धाम, किता मकड़ा, सालगा पहाड़ है. गोड्डा जिले में पर्यटन दृष्टीकोण से सबसे ज्यादा मनोरंजक स्थान बोआरीजोर प्रखंड का राजाभिट्ठा स्थित सुंदर डैम है.
गोड्डा जिला की सुंदर बांध गोड्डा
सुंदर बांध झारखंड का गोंडा जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है।यह बांध झारखंड के गोंडा जिले के पत्र पथरगामा ब्लॉक के राजमथा गांव में स्थित है। यह बांध सुंदर नदी पर बना हुआ है। ये बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है ,जिसे देखने में बहुत सुंदर लगता है, बरसात के समय में जब पानी भर जाता है तो ओवरफ्लो होने लगता है तो उसे समय का दृश्य भयानक होता है यह झारखंड राज्य के गोड्डा जिले के लिए सिंचाई परियोजना है ।जब पानी से भर जाता है तो लोग पानी में तैरने का आनंद लेते हैं, बहुत दूर-दूर से इस दृश्य को देखने के लिए आते हैं और यह जगह पिकनिक के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि यहां पर पहाड़िया और चट्टानों भी देखने के लिए मिलते हैं आप चाहे तो आकर सारा चीज का आनंद उठा सकते हैं।
निष्कर्ष:
गोड्डा जिला प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक विविधताओं और विकास की संभावनाओं से भरपूर है। यह जिला झारखंड के तेजी से उभरते जिलों में से एक है, जो आने वाले समय में राज्य और देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है।
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