मलेरिया क्या है?
पूरे विश्व और भारत में मलेरिया एक संक्रामक रोग है, जो की मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। यह रोग मुख्यतः प्लास्मोडियम नामक परजीवी के कारण होता है, जो की मच्छर के जरिए मानव शरीर में प्रवेश करता है और फिर लीवर व रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है। यह रोग भारत सहित विश्व के कई देशों में एक गंभीर बीमारी है।

📌 हमारे शरीर में मलेरिया कैसे फैलता है?
हमारे शरीर में मलेरिया फैलाने वाला मुख्य रूप से जीवाणु प्लास्मोडियम होता है, जो की पांच प्रकार के परजीवी होते हैं:
- Plasmodium falciparum – यह सबसे गंभीर और घातक प्रकार के परजीवी है।
- Plasmodium vivax – जो की भारत में सबसे आम है।
- Plasmodium malariae
- Plasmodium ovale
- Plasmodium knowlesi – यह परजीवी मुख्यतः बंदरों में पाया जाता है, लेकिन कभी-कभी मानवों को भी प्रभावित कर सकता है
जब कोई संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटती है, तो प्लास्मोडियम उसके रक्त में चला जाता है और यह रोग फैलता है।
🧪 मलेरिया के विभिन्न लक्षण होते हैं।
मलेरिया के लक्षण संक्रमण के 10 से 15 दिनों के बाद शुरू होते हैं। मुख्य रूप से लक्षण निम्नलिखित हैं:
- तेज बुखार जो की आमतौर पर ठंड के साथ शुरू होता है
- पूरे शरीर में कपकपी और ठंड लगना
- अत्यधिक पसीना आना
- सिरदर्द
- थकान और कमजोरी
- मांसपेशियों में दर्द
- उल्टी या जी मिचलाना
- कभी-कभी दस्त होना
- बच्चों में दौरे (सीवियर मलेरिया में)
यदि मलेरिया का इलाज समय पर ना हो तो कभी-कभी मलेरिया जानलेवा भी हो सकता है, खासकर तब जब P. falciparum संक्रमण में हो।
🧬हमारे शरीर में मलेरिया का डायग्नोसिस कैसे होता है?
हमारे शरीर में मलेरिया की पुष्टि के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार की जांच की जाती है जैसे की :
- ब्लड स्मीयर टेस्ट – यह एक प्रकार की ऐसी जांच है जिसे सूक्ष्मदर्शी से प्लाज्मोडियम की पहचान की जाती है
- RDT (Rapid Diagnostic Test) –यह एक प्रकार की त्वरित परीक्षण है जो की 15-20 मिनट में परिणाम दे देता है
- PCR टेस्ट – यह डीएनए आधारित तकनीक है, जो की अधिक सटीक लेकिन बहुत ही महंगा होता है
💊मलेरिया का इलाज कैसे किया जाता है और इसके लिए क्या क्या दवाइयां होती है?
मलेरिया के इलाज के लिए उपयोग होने वाली दवाएं मुख्यत: प्लास्मोडियम के प्रकार और मरीज के गंभीरता पर निर्भर करती हैं। सामान्य दवाएं:
- क्लोरोक्विन
- आर्टेमिसिनिन-बेस्ड कॉम्बिनेशन थेरेपी (ACT)
- प्राइमाक्विन (P. vivax और P. ovale के लिए)
गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती कर IV दवाएं दी जाती हैं।
🛡️हमें मलेरिया से बचाव कैसे करना चाहिए ?
- मच्छरों से बचाव करें
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का प्रयोग करें, अपने घर के खिड़कियों में जाली लगवाएं, शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें।
- पानी की निकासी साफ रखें
- अपने घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दे ,अपने घर में प्रयोग की जाने वाली ,कूलर गमले आदि में जमे हुए पानी को नियमित रूप से साफ सफाई करनी चाहिए।
- सरकारी कार्यक्रमों का नियमित रूप सेपालन करें
- मलेरिया रोधी दवाई के छिड़काव के दौरान हमें सहयोग करने चाहिए और समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए।

🌍 भारत में मलेरिया की स्थिति
विशेषकर भारत में मानसून के मौसम में मलेरिया के मामले बहुत अधिक बढ़ जाते हैं। उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में यह रोग अधिक फैलता है। भारत सरकार राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) के अंतर्गत मलेरिया पर रोकथाम के लिए लगातार काम कर रही है।
📝 निष्कर्ष
मलेरिया एक जानलेवा लेकिन रोकथाम योग्य रोग है। समय पर पहचान और सही इलाज से इस बीमारी से पूरी तरह बचा जा सकता है। जन जागरूकता, साफ-सफाई और मच्छर नियंत्रण ही इसका सबसे अच्छा बचाव है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि अपने घर और आस-पास के क्षेत्र को मच्छर मुक्त रखें और मलेरिया को जड़ से मिटाने में सहयोग करें।
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